
भोपाल। हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्षभर में दो बार नवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है। वहीं दो बार गुप्त नवरात्रि भी मनाई जाती है। चैत्र मास में पड़ने वाले नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि कहा जाता है और शरद ऋतु में पड़ने वाले नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है।
दोनों ही नवरात्रि में स्वीकृत शास्त्रीय नियम और पूजा विधि लगभग एक समान होती है। वहीं स्वरूप घट स्थापना मुहूर्त का, शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि दोनों में ही ध्यान रखा जाता है।
इस बार लगातार चौथे वर्ष चैत्र नवरात्रि 8 दिन की होगी। वहीं नवरात्रि की शुरुआत प्रतिपदा को सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी।
वहीं भोपाल सहित प्रदेश के अन्य जिलों में भी होली के बाद अब धीरे धीरे बाजारों में रौनक लौटनी शुरू हो गई है। जानकारों का कहना है कि ये रौनक पूरी तरह से नवरात्रि तक वापस आएगी।
माना जा रहा है कि अभी कमजोर चल रहे बाजार में नवरात्रि के पहले चहल-पहल पूरी तरह से लौट आएगी। पूजा पाठ से लेकर फूल व अन्य दुकानों पर बड़ी संख्या में ग्राहक देखने को इस दौरान लोग निकलेंगे। वहीं यह भी संदेह है कि इस दौरान फलों के दामों में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिल सकता है।
उधर, व्रत में खाई जा सकने वाली मिठाइयों के दाम में भी इस दौरान बढ़ौतरी होने का अनुमान है। साथ ही बाजार में व्रत में खाए जाने वाली सामग्री भी अपेक्षाकृत महंगी होने की आशंका है।
घट स्थापना का विशेष ध्यान...
वहीं नवरात्रि के संबंध में पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि नवरात्रि के प्रारंभ में घट स्थापना का विशेष ध्यान रखा जाता है। हमारे पुराणों में भी नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना करने का महत्व वर्णित किया गया है।
इसे शक्ति स्वरूपा के आह्वान के तौर पर देखा जाता है। मान्यता है कि यदि शुभ मुहूर्त पर अगर घट स्थापना की जाए तो यह देवी का आशीर्वाद बन जाता है और अगर शुभ मुहूर्त का ध्यान रखे बिना घट स्थापना की जाए तो यह उनके क्रोध का कारण बनता है।
इस बार यानि चैत्र नवरात्रि 2018 को घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 18 मार्च सुबह 6 बजकर 31 मिनट से लेकर 7 बजकर 46 मिनट तक है।
किस दिन कौन सी देवी...
पहला दिन: मां शैलपुत्री
दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी
तीसरा दिन: मां चंद्रघण्टा
चौथा दिन: मां कुष्मांडा
पांचवां दिन: मां स्कंदमाता
छठा दिन: मां कात्यायनी
सातवां दिन: मां कालरात्रि
आठवां दिन: मां महागौरी
नौंवा दिन: मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है।
सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक...
नवरात्रि हिन्दू धर्म में मनाए जाने वाले सबसे बड़े और महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है, जिसे पुरे भारत में समान श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। ऐसे तो पूरे साल भर में चार नवरात्रि आती है लेकिन मुख्य रूप से केवल दो को ही बड़े पैमाने पर मनाया जाता है - 1. शरद नवरात्रि 2. चैत्र नवरात्रि।
नौ दिनों तक चलने वाला यह पर्व देवी दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों को समर्पित है। माना जाता है जब दानवों ने देवताओं पर आक्रमण कर उनका राजपाठ छीन लिया था तो माता गौरी ने दुर्गा और अन्य नौ रूप धारण कर उन दैत्यों का संघार किया था। क्योंकि यह युद्ध नौ दिनों तक चला था इसीलिए इसे नवरात्रि कहा जाता है।
इन दिनों भक्त गण अपने घर मां दुर्गा का दरबार लगाते है, कलश स्थापना करते है, पूजा आदि करते है। आठ दिनों की पूजा के बाद नौवे दिन कंजिकों को भोजन कराया जाता है जिसमे उन्हें हलवा, चना और पूरी का प्रसाद दिया जाता है। माना जाता है इस दिन घर आने वाली नौ कन्याएं देवी के नौ स्वरूपों के समान होती है और उनका सेवा सत्कार करने से माँ दुर्गा प्रसन्न होती है।
बहुत से लोग इन दिनों उपवास भी रखते है। कुछ पहला और आखिरी उपवास रखने का प्रण लेते है तो कुछ पुरे नौ दिनों तक अन्न का सेवन नहीं करते। पंडित सुनील शर्मा के अनुसार बहुत से लोग पुरे नौ दिन केवल फल आदि पर ही जीवित रहते हैं, जबकि कुछ केवल नींबू पानी पीकर अपना दिन गुजारते हैं।
लेकिन इस विषय पर किसी पर भी कोई पाबंदी नहीं है आप जैसे चाहे वैसे उपवास रख सकते हैं। क्योंकि सभी के रीती रिवाज और क्षमताएं एक दुसरे से भिन्न होती है। इसीलिए आप अपनी क्षमता के अनुसार ही उपवास रखें।
यहां हम आपको चैत्र नवरात्रि 2018 के तारीख, तिथि, वार, देवी का पूजन और उससे जुडी कुछ विशेष जानकरियां दे रहे है। जो आपको नवरात्रि पूजन में सहायता करेगी।
चैत्र नवरात्रि 2018 की महत्वपूर्ण तिथियां -
नवरात्रि का दिन तारीख (वार) तिथि देवी का पूजन
नवरात्रि प्रथम दिन यानि 18 मार्च 2018 (रविवार) प्रतिपदा शैलपुत्री पूजा, कलश स्थापना
नवरात्रि द्वितीय दिवस यानि 19 मार्च 2018 (सोमवार) द्वितीया ब्रह्मचारिणी पूजा
नवरात्रि तीसरा दिन यानि 20 मार्च 2018 (मंगलवार) तृतीया चंद्रघंटा पूजा
नवरात्रि चतुर्थ दिवस यानि 21 मार्च 2018 (बुधवार) चतुर्थी कुष्मांडा पूजा
नवरात्रि पांचवां दिन यानि 22 मार्च 2018 (गुरुवार) पंचमी स्कंदमाता पूजा
नवरात्रि छठवां दिवस यानि 23 मार्च 2018 (शुक्रवार) षष्ठी कात्यायनी पूजा
नवरात्रि सातवें दिन यानि 24 मार्च 2018 (शनिवार) सप्तमी साथ ही अष्टमी कालरात्रि पूजा, महागौरी पूजा
दरअसल इस बार अष्टमी व नवमीं तिथियां एक ही दिन पड़ रहीं हैं।
नवरात्रि आठवें दिवस यानि 25 मार्च 2018 (रविवार) अष्टमी के साथ ही नवमी राम नवमी
नवरात्रि नवें दिन यानि 26 मार्च 2018 (सोमवार) दशमी नवरात्रि पारण
देवी मां के नौ रूपों की पूजा...
नवरात्र भारतवर्ष में हिंदूओं द्वारा मनाया जाने प्रमुख पर्व है। इस दौरान मां के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। वैसे तो एक वर्ष में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ के महीनों में कुल मिलाकर चार बार नवरात्र आते हैं,लेकिन चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक पड़ने वाले नवरात्र काफी लोकप्रिय हैं।
बसंत ऋतु में होने के कारण चैत्र नवरात्र को वासंती नवरात्र तो शरद ऋतु में आने वाले आश्विन मास के नवरात्र को शारदीय नवरात्र भी कहा जाता है। चैत्र और आश्विन नवरात्र में आश्विन नवरात्र को महानवरात्र कहा जाता है। इसका एक कारण यह भी है कि ये नवरात्र दशहरे से ठीक पहले पड़ते हैं दशहरे के दिन ही नवरात्र को खोला जाता है।
नवरात्र के नौ दिनों में मां के अलग-अलग रुपों की पूजा को शक्ति की पूजा के रुप में भी देखा जाता है।
इन नौ दिनों में मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि मां के नौ अलग-अलग रुप हैं। नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना की जाती है।
इसके बाद लगातार नौ दिनों तक मां की पूजा व उपवास किया जाता है। दसवें दिन कन्या पूजन के पश्चात उपवास खोला जाता है।
आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले नवरात्र गुप्त नवरात्र कहलाते हैं। हालांकि गुप्त नवरात्र को आमतौर पर नहीं मनाया जाता लेकिन तंत्र साधना करने वालों के लिये गुप्त नवरात्र बहुत ज्यादा मायने रखते हैं। तांत्रिकों द्वारा इस दौरान देवी मां की साधना की जाती है।
जानिये अगले वर्षों में कब कब पड़ेगी नवरात्रि...
नवरात्र 2018
चैत्र (वासंती) नवरात्र
18 से 26 मार्च
आश्विन (शारदीय) महानवरात्र
10 से 19 अक्तूबर
नवरात्र — 2019
चैत्र (वासंती) नवरात्र
6 से 14 अप्रैल
आश्विन (शारदीय) महानवरात्र
29 सितंबर से 8 अक्तूबर
नवरात्र — 2020
चैत्र (वासंती) नवरात्र
25 मार्च से 3 अप्रैल
आश्विन (शारदीय) महानवरात्र
17 से 26 अक्तूबर
Published on:
05 Mar 2018 03:27 pm
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